Buddha Purnima 2023: हर इंसान की होती हैं 4 पत्नियां, भगवान बुद्ध ने ऐसा क्यों कहा? यहां जानिए
भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन किया और लोगों को भी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए उनका मार्गदर्शन करते रहे. आज भी गौतम बुद्ध के ऐसे कई विचार हैं, जो लोगों को जीवन की वास्तविकता से वाकिफ करवाते हैं.
हर इंसान की होती हैं 4 पत्नियां, भगवान बुद्ध ने ऐसा क्यों कहा? यहां जानिए
हर इंसान की होती हैं 4 पत्नियां, भगवान बुद्ध ने ऐसा क्यों कहा? यहां जानिए
आज 5 मई को वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) है. माना जाता है कि आज के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के बीच बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन किया और लोगों को भी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए उनका मार्गदर्शन करते रहे. आज भी गौतम बुद्ध के ऐसे कई विचार हैं, जो लोगों को जीवन की वास्तविकता से वाकिफ करवाते हैं. उन्हीं में से एक विचार 4 पत्नियों का है.
भगवान बुद्ध सुनाते थे ये कहानी
भगवान गौतम बुद्ध सुनाया करते थे कि हर पुरुष की 4 पत्नियां होती हैं और हर महिला के 4 पति होते हैं. इन चारों में से चौथे नंबर की पत्नी या पति ही अंतिम समय में साथ जाते हैं, बाकी सभी यहीं साथ छोड़ देते हैं. फिर आप चाहे जिंदगीभर उनका कितना ही खयाल रखें. आइए आपको बताते हैं कि भगवान बुद्ध ने यहां किन चार पत्नियों या पतियों का जिक्र किया है.
भगवान गौतम बुद्ध ने एक बार एक कहानी सुनाई. इस कहानी के अनुसार एक व्यक्ति की चार पत्नियां थीं. उसका जीवन उनके साथ अच्छे से बीत रहा था. लेकिन कुछ समय बाद वो व्यक्ति बीमार पड़ गया. हालत इतनी खराब हो गई उसे अहसास हो गया कि अब बच पाना मुमकिन नहीं. ऐसे में उसने अपनी पहली पत्नी से कहा कि मैंने जीवन में तुमसे बहुत प्यार किया है. अब मैं संसार से जाने वाला है. क्या तुम मेरे साथ चलोगी.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
पहली पत्नी ने कहा प्यार तो मैं भी आपसे करती हूं, लेकिन साथ नहीं जा सकती. आपकी मृत्यु के साथ ही हमारे अलग होने का समय भी आ गया है. दूसरी पत्नी से पूछने पर उसने भी साथ चलने से इनकार कर दिया और तीसरी ने भी इनकार कर दिया. मृत्यु को और करीब पाकर व्यक्ति की सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं. लेकिन फिर भी वो हिम्मत जुटाकर चौथी पत्नी से भी वही सवाल करता है. इस पर चौथी पत्नी कहती है कि स्वामी मैं आपसे अलग कभी रह ही नहीं सकती. आप जहां भी जाएं, मैं आपके साथ जरूर चलूंगी.
कौन हैं ये 4 पत्नियां
इस कहानी का सार बताते हुए भगवान गौतम बुद्ध कहते हैं कि हर इंसान की 4 पत्नियां होती हैं और हर महिला के 4 पति. सिर्फ चौथे नंबर वाला ही साथ जाता है. पहली पत्नी या पति है आपका अपना शरीर. आप चाहे इससे कितना ही प्रेम करें, कितना ही इसका खयाल रखें, मृत्यु के समय ये आपका साथ छोड़ ही देता है.
आपकी दूसरी पत्नी या पति आपका भाग्य है. जो भाग्य आप साथ लेकर आए हैं, वो आपके साथ कभी नहीं जाता. यहीं पर छूट जाता है.
तीसरी पत्नी या पति आपके रिश्ते-नाते हैं. माता-पिता, भाई-बहन या अन्य कोई भी सगा संबन्धी सिर्फ तब तक ही आपके साथ है, जब तक आप जीवित हैं. मृत्यु के समय ये भी आपका साथ छोड़ देते हैं. इसके बाद आपका इनसे कोई संबन्ध नहीं रहता.
चौथी पत्नी या पति आपके कर्म हैं. आप जीवन में जो भी कर्म करते हैं, ये कर्म आपके साथ जरूर जाते हैं. इन कर्मों के आधार पर ही आपके अगले जन्म का निर्धारण किया जाता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
10:31 AM IST